भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल प्रशासन के अंतरराष्ट्रीय झूलापुल बंद कर करने से झूलाघाट में नेपाल जाने वाले करीब 70 लोग अब भी पुल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इससे पूर्व सुबह कुछ देर के लिए पुल खुलने से 45 लोग नेपाल के लिए रवाना हुए। इसके बाद पुल फिर बंद कर दिया गया। अचानक पुल बंद करने से सैकड़ों नेपाली नागरिक भारत में फंस सकते हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सोमवार को नेपाल की ओर से अचानक जुल्लाघाट झूलापुल के दरवाजे बंद कर दिए गए। इन दिनों दिल्ली, बंगलूरू आदि जगहों पर भारतीय होटलों में काम करने वाले नेपाल के नागरिक बड़ी संख्या में घर वापसी कर रहे हैं। झूलापुल बंद होने से नेपाल जाने वाले 45 श्रमिक भारत की तरफ फंस गए। बाद में डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बैतड़ी प्रशासन से वार्ता की तो 10 बजे नेपाल की ओर से 20 मिनट को पुल खोला गया। पुल खुलते ही 45 नागरिक नेपाल के लिए रवाना हुए। इसके बाद पुल बंद होने से अब भी करीब 70 से अधिक नेपाली नागरिक झूलाघाट में फंसे हैं।
उधर, नेपाल प्रशासन ने धारचूला, जौलजीबी, बलुवाकोट और तिगड़म में झूलापुलों को 29 मार्च तक बंद कर दिया है। एसएसबी के झूलापुल इंचार्ज मोहन सिंह ने बताया कि अभी भारत की ओर से प्रशासन ने पुल बंद करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। धारचूला में भी पुल बंद होने से नेपाल के 20 नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। नगर में मेडिकल स्टोर, सब्जी और राशन की दुकानें खुली होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सोमवार को एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला और थानाध्यक्ष विजेंद्र शाह ने नगर में घूमकर लोगों से घर पर रहने की अपील की।
कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सोमवार को नेपाल की ओर से अचानक जुल्लाघाट झूलापुल के दरवाजे बंद कर दिए गए। इन दिनों दिल्ली, बंगलूरू आदि जगहों पर भारतीय होटलों में काम करने वाले नेपाल के नागरिक बड़ी संख्या में घर वापसी कर रहे हैं। झूलापुल बंद होने से नेपाल जाने वाले 45 श्रमिक भारत की तरफ फंस गए। बाद में डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बैतड़ी प्रशासन से वार्ता की तो 10 बजे नेपाल की ओर से 20 मिनट को पुल खोला गया। पुल खुलते ही 45 नागरिक नेपाल के लिए रवाना हुए। इसके बाद पुल बंद होने से अब भी करीब 70 से अधिक नेपाली नागरिक झूलाघाट में फंसे हैं।
उधर, नेपाल प्रशासन ने धारचूला, जौलजीबी, बलुवाकोट और तिगड़म में झूलापुलों को 29 मार्च तक बंद कर दिया है। एसएसबी के झूलापुल इंचार्ज मोहन सिंह ने बताया कि अभी भारत की ओर से प्रशासन ने पुल बंद करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। धारचूला में भी पुल बंद होने से नेपाल के 20 नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। नगर में मेडिकल स्टोर, सब्जी और राशन की दुकानें खुली होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सोमवार को एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला और थानाध्यक्ष विजेंद्र शाह ने नगर में घूमकर लोगों से घर पर रहने की अपील की।
सीमाएं सील, पांच हजार वाहन लौटाए
रुड़की में लॉकडाउन के चलते यूपी से सटी सीमाओं को सील करते हुए पुलिस ने बाहर से आने वाले वाहनों को लौटा दिया। पुलिस तीन दिन में पांच हजार से अधिक वाहनों को लौटा चुकी है। हालांकि, इस दौरान अस्थि विसर्जन करने वाले लोगों की स्क्रीनिंग कर प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही ऐसे लोगों को हरिद्वार में न ठहरने की चेतावनी दी जा रही है।
रविवार को जनता कर्फ्यू और 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद यूपी से सटी सभी सीमाओं पर पुलिस का कड़ा पहरा है। पेट्रोल टैंकर, गैस सिलिंडर की आपूर्ति करने वाले वाहन, दूध वाले वाहनों के अलावा किसी भी बाहरी वाहन को प्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
इन सभी सीमाओं पर पुलिस का कड़ा पहरा है। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि अब तक पांच हजार वाहनों को सीमा से वापस लौटा दिया गया है। किसी भी वाहन को प्रदेश में आने की अनुमति नहीं है। हालांकि, जो लोग अस्थि विसर्जन करने आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग कर हरिद्वार भेजा जा रहा है। साथ ही उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वह हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के बाद वहां पर ठहरे नहीं और वापस लौट जाएं। उन्होंने बताया कि सीमा पर इन लोगों के नाम व पते भी रजिस्टर में दर्ज किए जा रहे हैं।
पैदल भटक रहे यात्री
सोमवार सुबह बड़ी संख्या में यात्री रोडवेज पर पहुंचे, लेकिन बसों का संचालन पूरी तरह से बंद होने पर यात्रियों को मायूसी हाथ लगी। यह वह यात्री थे, जो रुड़की और देहात क्षेत्र के होटलों व कंपनियों में काम कर रहे थे। लॉकआउट होने के बाद यह लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं। बसों का संचालन न होने पर यह लोग पैदल ही हाईवे पर अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो रहे हैं। लौटने वाले इन लोगों में अधिकतर मजदूर तबका है जो कि वेस्ट यूपी के रहने वाले हैं।
रविवार को जनता कर्फ्यू और 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद यूपी से सटी सभी सीमाओं पर पुलिस का कड़ा पहरा है। पेट्रोल टैंकर, गैस सिलिंडर की आपूर्ति करने वाले वाहन, दूध वाले वाहनों के अलावा किसी भी बाहरी वाहन को प्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
इन सभी सीमाओं पर पुलिस का कड़ा पहरा है। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि अब तक पांच हजार वाहनों को सीमा से वापस लौटा दिया गया है। किसी भी वाहन को प्रदेश में आने की अनुमति नहीं है। हालांकि, जो लोग अस्थि विसर्जन करने आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग कर हरिद्वार भेजा जा रहा है। साथ ही उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वह हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के बाद वहां पर ठहरे नहीं और वापस लौट जाएं। उन्होंने बताया कि सीमा पर इन लोगों के नाम व पते भी रजिस्टर में दर्ज किए जा रहे हैं।
पैदल भटक रहे यात्री
सोमवार सुबह बड़ी संख्या में यात्री रोडवेज पर पहुंचे, लेकिन बसों का संचालन पूरी तरह से बंद होने पर यात्रियों को मायूसी हाथ लगी। यह वह यात्री थे, जो रुड़की और देहात क्षेत्र के होटलों व कंपनियों में काम कर रहे थे। लॉकआउट होने के बाद यह लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं। बसों का संचालन न होने पर यह लोग पैदल ही हाईवे पर अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो रहे हैं। लौटने वाले इन लोगों में अधिकतर मजदूर तबका है जो कि वेस्ट यूपी के रहने वाले हैं।